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About Selfdefence Academy

जब पूरी दुनिया Covid-19 की वजह से लॉकडाउन में थी और वे मलेशिया से निशुल्क ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से भारत में लड़कियों और महिलाओं को मजबूत और निडर बना रहे थे। यह नेक काम तो कोई नेक इंसान ही कर सकता है और हमें अतिश्योक्ति नहीं है ऐसा कहने में कि यह एक बहुत ही नेक काम है क्योंकि उनका परिणाम बताता है कि वह क्या काम कर रहे हैं। वह चाहते तो एक निजी क्षेत्र से अच्छी खासी तनख्वाह से जीवन को आराम से जी सकते थे। परंतु उन्होंने लड़कियों और महिलाओं की स्थिति के बारे में सोचा और इस सराहनीय और प्रशंसनीय पहल को अंजाम दे रहें हैं "इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुके व ग्रेट इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से मोस्ट वर्सेटाइल कोच का सम्मान पा चुके और 20 वर्षों की कठिन तपस्या के दौरान 5000 शिविरों के माध्यम से 3,50,000 से अधिक लड़कियों और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दे चुके हमारे प्रेरणास्त्रोत व हरियाणा सेल्फ डिफेंस sports सोसाइटी India के अध्यक्ष और ताइक्वांडो साउथ कोरिया ब्लैक बेल्ट सेल्फ डिफेंस कोच श्री रोहतास कुमार जी।

सेल्फ डिफेंस सोसाइटी इंडिया के सान्निध्य में संभव हैं बहुत से बेहतरीन कार्य*

  • आत्मरक्षा व सुरक्षा की दृष्टि से बेटियों के लिए सेल्फ डिफेंस सीखना नितांत आवश्यक है। आज के दौर में जिस तरह का माहौल बनता जा रहा है उसे देखते हुए हर बेटी या महिला को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग अवश्य करनी चाहिए।
  • गांव-गांव जाकर बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देना।
  • चौपाल के माध्यम से पूरे गांव तक सेल्फ डिफेंस सोसाइटी इंडिया  के श्रेष्ठ कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
  • सेल्फ डिफेंस सोसाइटी इंडिया  के माध्यम से विभिन्न शहरों, जिला, राज्य व राष्ट्र स्तर पर सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण करवाना।
  • लड़कियों को सेल्फ डिफेंस में इस तरह प्रशिक्षित करना कि वे सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों के काबिल बनें।
  • लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के माध्यम से रोजगार के प्रति जागरूक करना ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
  • आत्मरक्षा में सक्षम होने पर एवं आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होने पर हर तरह की समस्या के समाधान के काबिल बनाना।
  • सेल्फ डिफेंस सोसाइटी इंडिया के सान्निध्य में गांव व शहर स्तर पर युवाओं का ऐसा डेटा बेस तैयार करना जो समय आने पर किसी कार्यक्रम या अन्य आयोजनों में सहभागी हो सकें। सेल्फ डिफेंस को खेल के रूप में बढ़ावा देना ताकि बेटियां शिक्षा के साथ-साथ खेल में भी निरंतर आगे बढ़ सकें।